लाइब्रेरी में जोड़ें

सरस्वती घनाक्षरी




सरस्वती घनाक्षरी


       (डॉ०रामबली मिश्र विरचित)

       वर्ण 8 9 8 9

       17 ,17 पर यति

        अंत तीन लघु


सरस्वती माँ शारदा, सदा कृपा करो मधुर;

दया करो माँ शारदे, हरो कलेश द्रुत सगर।


 नित्य रोग लुप्त कर,अशान्त को प्रशांत कर;

ज्ञान-बुद्धि दान कर, अयोग्य को सुयोग्य कर।


हंसवाहिनी विवेक,लेखनी अजर अमर;

मेट निंद्य सोच-तम, असत्य प्रश्न दूर कर।


वंदनीय माँ सतत, हरो जगत की व्याधियाँ;

ज्ञान का लालित्य रस, बनी दिखो परोस कर।


 ज्ञान यज्ञ दीपमय,निवेदनम स्वीकार हो;

सत्यता की नींव पर, संसार का विस्तार कर।





   7
1 Comments

Renu

25-Jan-2023 03:55 PM

👍👍🌺

Reply